हासन क्षेत्र के लोगों की दो दशक पुरानी मांग पूरी करते हुए रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रविवार को हासन-बेंगलूरु के बीच नवनिर्मित रेललाइन पर बेंगलूरु-हासन पैसेंजर टे्रन को हरी झंडी दिखाई |

बेंगलूरु, २६ मार्च २०१७: हासन क्षेत्र के लोगों की दो दशक पुरानी मांग पूरी करते हुए रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रविवार को हासन-बेंगलूरु के बीच नवनिर्मित रेललाइन पर बेंगलूरु-हासन पैसेंजर टे्रन को हरी झंडी दिखाई। यशवंतपुर रेलवे स्टेशन से टे्रन रवाना करने के बाद रेलमंत्री ने शहर का यातायात दबाव कम करने के लिए उपनगरीय रेलसेवा आरंभ करने का आश्वासन दिया। उन्होंने मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में शुरू हुई योजनाओं को गिनाते हुए दोहरीकरण, तिहरीकरण, विद्युतिकरण तथा रेलवे स्टेशनों के विकास पर विशेष बल दिया।

यहां समारोह को संबोधित करते हुए प्रभु ने कहा कि जल्द इस रेल मार्ग पर बेंगलूरु-मेंगलूरु के बीच जो सीधी टे्रन चलेगी उसका नाम गोमटेश्वर एक्सप्रेस होगा। फिलहाल, दोनों शहर वाया मैसूरु रेल मार्ग से जुड़े थे।

उन्होंने बताया कि रेलवे ने कर्नाटक में 200 किमी लंबे रेल मार्ग का दोहरीकरण का काम पूरा किया है। राज्य में 548 किमी लंबे रेलमार्ग पर विद्युतिकरण का कार्य जारी है। 92 किमी लंबे मार्ग पर नई लाइनें बिछाने का कामचल रहा है। जो रेल परियोजनाएं दशकों से क्रियान्वित नहीं हो पाई हैं उन्हें चरणबद्ध तरीके से पूर्ण कराया जाएगा।राज्य को बेहतर रेल संपर्क मिलेगा।

उपनगरीय रेल सेवा शुरू होगी
रेलमंत्री ने बताया कि बेंगलूरु में यातायात दबाव कम करने के लिए बेंगलूरु के उपनगरीय इलाकों को जोडऩे के लिए जल्द उपनगरीय रेलसेवा शुरू होगी। इस परियोजना की लागत में रेलवे तथा राज्य सरकार समान निवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र में आने के बाद नरेन्द्र मोदी सरकार ने कर्नाटक को 35 हजार करोड़ रुपए की लागत की रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

राज्य सरकार ने उपनगरीय रेल परियोजना की लागत में 50 फीसदी हिस्सा देने पर पहले ही सहमति जता दी है। अतिशीघ्र परियोजना का काम आरंभ होगा। राज्य में रेल मार्गों के दोहरीकरण, तिहरीकरण, विद्युतीकरण तथा रेलवे स्टेशनों के विकास पर विशेष बल दिया जाएगा। अगले तीन साल में बेंगलूरु -मुंबई रेलमार्ग पर दोहरीकरण का कामशुुरू किया जाएगा।

पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी.देवेगौड़ा ने रेल मंत्री से यशवंतपुर-हासन टे्रन का नाम बदलकर हेमावती या गोमटेश्वर एक्सप्रेस करने का आग्रह किया। यह रेल मार्ग प्रसिद्ध जैन तीर्थ श्रणबेलगोला से होकर गुजरता है।

मई में होगा शिलान्यास
मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने कहा कि राज्य सरकार ने इस साल के बजट में बेंगलूरु उपनगरीय रेल परियोजना के लिए 370 करोड़ रुपए आरक्षित किए हैं। लिहाजा, रेलवे को यह परियोजना जल्द शुरू कर देनी चाहिए। सिद्धरामय्या ने कहा कि इस परियोजना का शिलान्यास मई में करने पर रेलमंत्री ने सहमति जताई है।

महामस्तकाभिषेक विशेष ट्रेन चलाएं
उन्होंने हासन-मेंगलूरु रेलमार्ग को बड़ी लाइन में परिवर्तित करने और अगले साल श्रवणबेलगोला में होने वाले भगवान बाहुबली के महामस्तकाभिषेक समारोह में भाग लेने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष टे्रनें चलाने का रेल मंत्री से अनुरोध किया है। केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार, सांसद के.एच. मुनियप्पा, वीरप्पा मोइली, डी.के. सुरेश, मंत्री आर.वी.देशपांडे, टी. बी. जयचंद्रा, ए.मंजू, महापौर जी. पद्मावति व रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सफर में लगेगा कम वक्त
इस नई लाइन से बेंगलूरु और हासन के बीच की रेलमार्ग दूरी अरसीकेरे मार्ग से 45 किमी और मैसूरु मार्ग से 87 किमी. कम हो जाएगी। इससे अरसीकेरे में इंजन के स्थान परिवर्तन से बचा जा सकेगा।

सहभागिता में बनी रेललाइन
करीब 167 किमी लम्बी रेललाइन बिछाने की इस परियोजना को पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के कार्यकाल (वर्ष 1996-97) में स्वीकृति मिली थी। तब इसकी लागत 295 करोड़ रुपए तय की गई थी, लेकिन विलंबता के कारण इसकी लागत चार गुना बढ़कर 1289.92 करोड़ रुपए पहुंच गई। अनुमानित लागत 1290 करोड़ रुपए आई है। रेल मंत्रालय तथा कर्नाटक राज्य सरकार के बीच 1 अप्रेल, 2010 से 50-50 प्रतिशत लागत साझेदारी के आधार पर रेलवे ने 823 करोड़ रुपए तथा 467 करोड़ रुपए कर्नाटक सरकार ने वहन किए हैं।

दैनिक सेवा
ये है ट्रेन : यशवंतपुर-हासन दैनिक सुपरफास्ट इंटरसिटी एक्सप्रेस (22679) शाम 6.15 बजे यशवंतपुर से रवाना होकर रात्रि 9 बजे हासन पहुंचेगी और वापसी में यह ट्रेन (22680) प्रात: 6.30 बजे हासन से रवाना होकर सुबह 9.15 बजे यशवंतपुर पहुंचेगी।

यहां ठहराव : टे्रन का चिकबाणावर, नेलमंगला, कुणिगल, येडियूर, बीजीनगर, श्रवणबेलगोला और चन्नरायपट्टणा में ठहराव होगा। 14 कोच की इस गाड़ी में 4 द्वितीय श्रेणी कुर्सीयान, 8 दीनदयालु कोच, 2 द्वितीय श्रेणी सामान-सह-ब्रेकयान/दिव्यांग कोच होंगे।

यहां से गुजरेगी रेल : हासन से चिकबाणावर तक की नई रेल लाइन चेन्नपट्टण, डी समुद्रवल्ली, शांतिग्राम, श्रवणबेलगोला, हिरीसावे, बालगंगाधर नगर, यडियूर, कुणिगल, तिप्पसंद्रा, सोलूर और नेलमंगला से गुजरती है। यह लाइन ऐतिहासिक व धार्मिक दृष्टि से इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आदिचुनचनगिरी, श्रवणबेलगोला और येडियूर को जोड़ती है।

– Courtesy: Patrika